खानपान के मामले में शुद्धता का मसला काफी पुराना है। आपने अपने अनुभव में इस तरह की मिलावट को देखा है? किसी पि़फ़ल्म या अखबारी खबर के हवाले से खानपान में होनेवाली मिलावट के नुकसानों की चर्चा कीजिए।

खानपान में मिलावट का धंधा जोर पकड़ता जा रहा है। दुकानदार ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में ऐसी मिलावट कर देते हैं और मिलावटी सामान खरीदने से लोग बीमार पड़ जाते हैं। हाल ही में मैंने भी ऐसा ही अनुभव किया। मां घर पर नहीं थी तो मैं और मेरा भाई बाजार से पनीर की सब्जी और रोटियां पैक करवा कर ले आए। उसे खाने के बाद मैं और मेरा भाई दोनों ही बीमार पड़ गए। मां को बताया कि हमने बाहर से खरीदकर पनीर की सब्जी और रोटी खाई थी। मां दुकान पर पता करने गई तो उन्होंने देखा कि खाना बनाने में बासी चीजों का इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही मिलावटवाले सस्ते मसालों से सब्जियां तैयार की जा रही हैं। तबसे हम लोगों ने बाहर का खाना बंद कर दिया।

समाचार पत्र में पढ़ा था कि दूध में अब पानी के अलावा तरह तरह के पाउडर मिलाकर बेचा जा रहा है। इस तरह की मिलावट से लोगों का स्वास्थ्य खराब होता है। थोड़े से धन के चक्कर में दुकानदार दूसरों की जान जोखिम में डालने से भी नहीं चूकते।


इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी जरूरी है। इससे सरकारी अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होता है।


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